Racial Disparities in Ovarian Cancer Blood Test: A Recent Study

ओवेरियन कैंसर के रक्त परीक्षण में नस्लीय असमानताएँ: हालिया अध्ययन के आधार पर पूर्ण विवरण

हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि ओवेरियन कैंसर (अंडाशय का कैंसर) के निदान के लिए सामान्यतः उपयोग किया जाने वाला CA-125 रक्त परीक्षण कुछ नस्लीय समूहों, विशेष रूप से काले (अफ्रीकी अमेरिकी) और नेटिव अमेरिकन मरीजों में प्रभावी रूप से काम नहीं कर सकता है। इस अध्ययन के अनुसार, इन समूहों में ओवेरियन कैंसर के निदान के समय CA-125 स्तर के ऊंचे होने की संभावना सफेद मरीजों की तुलना में 23% कम होती है। यह अंतर निदान और उपचार में देरी का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप जीवित रहने की दर में कमी देखी जा सकती है। यह नस्लीय असमानता स्वास्थ्य देखभाल में मौजूद व्यापक असमानताओं का एक और उदाहरण है, जो विभिन्न जातीय समूहों के बीच चिकित्सा परिणामों को प्रभावित करती है।


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अध्ययन का विवरण

यह अध्ययन 20 मार्च, 2025 को प्रकाशित हुआ और इसके परिणाम कई प्रतिष्ठित समाचार स्रोतों जैसे STAT News, MedPage Today, और Medscape में रिपोर्ट किए गए। शोधकर्ताओं ने 250,749 ओवेरियन कैंसर मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया, जो नेशनल कैंसर डेटाबेस से लिया गया था। इसमें CA-125 स्तरों को निदान के समय ऊंचा/सीमावर्ती या सामान्य/नकारात्मक के रूप में वर्गीकृत किया गया। अध्ययन में पाया गया कि काले और नेटिव अमेरिकन मरीजों में CA-125 का स्तर ऊंचा होने की संभावना कम थी, जिसके कारण इस परीक्षण के आधार पर उनकी बीमारी का शुरुआती पता लगाना मुश्किल हो सकता है।


CA-125 रक्त परीक्षण क्या है?

CA-125 (कैंसर एंटीजन 125) एक बायोमार्कर है जो रक्त में मौजूद एक प्रोटीन को मापता है। यह परीक्षण आमतौर पर ओवेरियन कैंसर के निदान और उपचार की प्रगति को ट्रैक करने के लिए उपयोग किया जाता है। सामान्यतः, ओवेरियन कैंसर से पीड़ित मरीजों में CA-125 का स्तर ऊंचा होता है, जो डॉक्टरों को बीमारी का संकेत देता है। हालांकि, यह परीक्षण पूर्ण रूप से सटीक नहीं है, क्योंकि मासिक धर्म, गर्भाशय फाइब्रॉएड, या अन्य गैर-कैंसर स्थितियों में भी CA-125 का स्तर बढ़ सकता है। फिर भी, यह ओवेरियन कैंसर की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है।


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नस्लीय असमानता के कारण

शोधकर्ताओं का मानना है कि यह असमानता आनुवंशिक विविधताओं के कारण हो सकती है, जो कुछ जातीय समूहों में अधिक आम हैं। विभिन्न नस्लीय और जातीय पृष्ठभूमि के मरीजों में जीन के विभिन्न रूप (पॉलीमॉर्फिज्म), उत्परिवर्तन (म्यूटेशन), और अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन) देखे गए हैं। उदाहरण के लिए, काले और नेटिव अमेरिकन मरीजों में CA-125 के उत्पादन या रक्त में इसके स्तर को प्रभावित करने वाले जेनेटिक कारक अलग हो सकते हैं, जिसके कारण यह परीक्षण उनकी बीमारी को प्रभावी ढंग से नहीं पकड़ पाता। इसके अलावा, सामाजिक-आर्थिक कारक जैसे स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में कमी और जागरूकता का अभाव भी इस असमानता को बढ़ा सकते हैं।


प्रभाव और चिंताएँ

CA-125 परीक्षण की यह सीमा ओवेरियन कैंसर के शुरुआती निदान को प्रभावित कर सकती है, जो इस बीमारी के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण कदम है। ओवेरियन कैंसर को "साइलेंट किलर" भी कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर देर से प्रकट होते हैं। शुरुआती निदान से मरीजों के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन यदि यह परीक्षण कुछ समूहों में सटीक परिणाम नहीं देता, तो इन मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता। अध्ययन के अनुसार, यह स्वास्थ्य देखभाल में नस्लीय असमानताओं का एक और उदाहरण है, जैसे कि पहले ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काले मरीजों के साथ देखा गया था।


आगे की दिशा

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस समस्या को हल करने के लिए अधिक समावेशी नैदानिक उपकरणों और परीक्षणों की आवश्यकता है, जो विभिन्न नस्लीय और जातीय समूहों की आनुवंशिक विविधता को ध्यान में रखें। इसके लिए वैज्ञानिकों को नए बायोमार्कर खोजने और मौजूदा परीक्षणों को बेहतर करने की जरूरत है ताकि सभी मरीजों को समान रूप से प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकें।


स्रोत

  • STAT News: "Blood test for ovarian cancer misses some Black and Native American patients, study finds" (20 मार्च, 2025)
  • MedPage Today: "Ovarian Cancer Blood Test Misses Some Black, Native American Patients" (20 मार्च, 2025)
  • Medscape: "CA-125 Shows Less Accuracy in Black and American Indian Patients with Ovarian Cancer" (20 मार्च, 2025)
  • JAMA Network: "CA-125 Levels at Time of Ovarian Cancer Diagnosis by Race and Ethnicity" (19 मार्च, 2025)

यह अध्ययन चिकित्सा क्षेत्र में नस्लीय असमानताओं को उजागर करता है और स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक न्यायसंगत बनाने की आवश्यकता पर बल देता है।

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